संदेश

नवंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Navgrah Puja नवग्रह पूजा विधि

चित्र
किसी भी पूजन कार्य में नवग्रह पूजा का विशेष महत्व है। नवग्रह पूजा हेतु ग्रहों का आवहान करके पहले उनकी स्थापना करें। फिर बाएं हाथ में अक्षत लेकर मंत्र का उच्चारण करते हुए दाएं हाथ से अक्षत अर्पित कर नवग्रहों का पूजन करें। सूर्य : लाल अक्षत और लाल पुष्प लेकर निम्नलिखित मंत्र से सूर्य का आवाहन करें ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मत्यं च। हिरण्येन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्‌ ॥ जपा कुसमसंकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्‌ । तमोऽरिं सर्वपापघ्नं सूर्यमावाहयाम्यहम्‌ ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः कलिंगदेशोद्भव कश्यपगोत्र रक्तवर्ण भो सूर्य! इहागच्छ, इहतिष्ठ ॐ सूर्याय नमः, श्री सूर्यमावाहयामि स्थापयामि च । भावार्थ : कश्यप गौत्र में उत्पन्न हे सूर्यदेव , आप मेरे शुभ कार्य में पधारकर कल्याण करें। चंद्र : बाएं हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर दाएं हाथ से छोड़ते हुए इस मंत्र से चंद्र का आहवान करें : ॐ इमं देवा असनपथ सुवध्वं महते क्षत्राय महते ज्येष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रस्येंद्रियाय । इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी राजा सोमोऽस्माकं ब्राह्मणानाथ राजा ॥ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम