श्री शनि देव चालीसा Shri Shanidev Chalisa
श्री शनि देव चालीसा | श्री शनि देव चालीसा | श्री शनि देव चालीसा Shri shanidev chalisa Shri shanidev chalisa Shri shanidev chalisa दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ।। जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।। जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला।। चारि भुजा तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छबि छाजै।। परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।। कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। हिय माल मुक्तन मणि दमके।। कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल बिच करैं अरिहिं संहारा।। पिंगल, कृष्णों, छाया नन्दन। यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन।। सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा।। जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ।। पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत।। राज मिलत बन रामहिं दीन्ह्यो। कैकेइहुँ की मति हरि लीन्ह्यो।। बनहूँ में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चुराई।। लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। मचिगा दल में हाहाकारा।। रावण की गतिमति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई।। दियो क